Arjun Ram Meghwal
जानें अर्जुन राम मेघवाल की जीवनी और उनके प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में कार्यों के बारे में।on Apr 03, 2024
अर्जुन राम मेघवाल—अर्जुन राम मेघवाल का जन्म राजस्थान की मरुभूमि, बीकानेर के किशमीदेसर गाँव में 7 दिसंबर, 1954 को साधारण से बुनकर परिवार में हुआ। बचपन से मेहनती व कुशाग्र बुद्धि के छात्र अर्जुन राम मेघवाल ने जिंदणी के हर पड़ाव की गतिविधियों में अग्रणी रूप से भाग लेकर सभी दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। रा.प्रा.वि., किशमीदेसर, बीकानेर से शिक्षा प्रारंभ करके राजकीय डूँगर महाविद्यालय, बीकानेर से एल-एल.बी. व फिलीपींस से एम.बी.ए. की डिग्री प्राप्त की।
वर्ष 1974 में P&T विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर से राजकीय सेवाओं की शुरुआत करके राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की परीक्षा वर्ष 1980 में उत्तीर्ण की तथा राजस्थान उद्योग सेवा में चयनित हुए। राजकीय सेवा में निरंतर उत्कृष्ठतापूर्वक कार्य करते हुए वर्ष 1999 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नत हुए वर्ष 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से इच्छित सेवानिवृत्ति (VRS) लेकर बीकानेर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर 15वीं लोकसभा में प्रवेश किया। इस कार्यकाल में अपनी कार्यकुशलता व सच्चे जन-प्रतिनिधि के रूप में इन्हें तीन बार “सांसद रत्न अवार्ड दिया जया इसी लोकप्रिय छवि के कारण वर्ष 2014 के आम चुनावों में भी बीकानेर की जनता ने पुनः आशीर्वाद देकर 16वीं लोकसभा में अपना प्रतिनिधि चुना। 16वीं लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक तथा आवास समिति के अध्यक्ष पद का दायित्व सँभाला।
इनकी निरंतर सहजता, ईमानदारी, कार्यकुशलता, कर्तव्यपरायणता व राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव को देखते हुए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा 5 जुलाई, 2016 को अर्जुन मेघवाल को केंद्रीय वित्त व कॉर्पोरेट राज्य मंत्री का दायित्व दिया गया, उसके पश्चात् 2019 के आम चुनावों में लगातार तीसरी बार बीकानेर लोकसभा से सांसद चुने जाने के पश्चात् मई 2019 में भारी उद्योग एवं लोक उद्यम और संसदीय कार्य राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया। जुलाई 2021 से लेकर लेखक, भारत सरकार में केंद्रीय संस्कृति व संसदीय कार्य राज्यमंत्री के दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं । अक्तूबर 2019 में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (ICSI) के 51वें स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान की मानद फैलो सदस्यता प्रदान की गई। आचार्य श्री तुलसी की प्रेरणा से स्थापित जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय, लाडनूँ के कुलाधिपति के रूप में भी दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
संगीत, बैडमिंटन व Storytelling में इनकी विशेष रुचि है। विभिन्न पदों पर रहकर राज-कार्यों के निर्वहन हेतु फिलीपींस, थाईलैंड, बेल्जियम, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, नेपाल, स्पेन, नाइजीरिया, माली, केन्या, हांगकांग, इटली, जर्मनी, मैक्सिको, इंडोनेशिया आदि देशों की यात्रा कर चुके हैं।
श्रीमती पानादेवी मेघवाल—पानादेवी का जन्म बीकानेर के नाल गाँव में 'एक साधारण से परिवार में हुआ। प्राय: परिवारों में सास-बहू के मध्य विवाद की स्थिति देखी जाती है। इनका यह मानना है कि जिस तरह से माँ का अपनी बेटी के संग व बेटी का अपनी माँ के प्रति अपनत्व होता है, ठीक उसी प्रकार से यदि सास अपनी बहू को बेटी का दर्जा दे और बहू अपनी सास को माँ जैसा सम्मान दे तो कभी भी तनाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी । विवाह के बाद पति के घर को संपूर्णता से अपनाना ही वैवाहिक जीवन की सफलता की कुंजी है।
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